विकिलीक्स का दुनिया में बड़ा नाम है.हमारी आपकी क्या औकात,उसने ओबामा से लेकर अरब के शाह की नाक में भी पानी भर दिया है.इस लीकेज कंपनी के सरदार जुलियन असान्जे निर्विवाद रूप से हेक्टिविस्ट मूवमेंट के बादशाह हैं.निश्चित ही कुछ दिनों पहले तक उन्हें मालूम नहीं रहा होगा की भारत में लोग अभी किस युग में जी रहे हैं.उनके द्वारा लीक किये गए केबल्स में से कुछ उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के बारे में थे.बस यहीं से वो सब भी दुनिया के सामने लीक हो गया जो हम लोग अब तक छुपाये बैठे थे.कुछ दलित विचारकों का कहना है की लखनऊ के मनुवादी पत्रकारों ने अमेरिकी अधिकारियों को टुच्ची जानकारियां दी थीं वही लीक कर के सब हाय तोबा मचा रहे हैं.यूँ तो तमाम जानकारियां थीं पर मसालेदार बात निकली सैंडिल लेने के लिए वायुयान का मुंबई जाना.सही बात है, मद्रासी जयललिता के सैंडलों से बड़ी खबर ये थी.पर हल्ला किस बात का? रानी हैं,जितना मन करे भेली खाएं,बीडी पिए ,आप कौन होते हैं सवाल उठाने वाले
अपने जोरदार अंदाज में बहिन जी ने इसका जवाब दिया,और असान्जे को विरोधियों के हाथों में खेलने वाला बतादिया.बस यहीं गड़बड़ी हो गयी.दुनिया जान गयी की बीमारू कहे जाने वाले ग्रुप ऑफ़ स्टेट्स में सिरमौर उत्तरप्रदेश अपनी जगह पर कायम क्यों है. देश की सबसे ज्यादा जनसँख्या और गरीबी ढोने वाला प्रदेश किन लोगों के हवाले है.राजीव गाँधी का सूचना क्रांति का सपना कहाँ गया,जब इस प्रदेश के मुखिया को ही नहीं मालूम की कोसना किसको है.एक आस्ट्रेलियन अखबार ने चुटकी लेते , हुए लिखा की सैंडिल क्वीन को इतनी समझ नहीं की इस संवाद में असान्जे की क्या भूमिका है.सब जान गए की कंप्यूटर क्रांति कहाँ है, सिलिकन वैली में अपना झंडा गाड़ने वाले भी जरूर शर्माए होंगे.असान्जे के बाप ने भी कभी ये सपना भी नहीं देखा होगा की उनका बेटा कभी एंटी दलित और मनुवादी गतिविधियों में शामिल पाया जायेगा,बलात्कार - सलात्कार तो चलते रहते हैं. सलाहकार लोग तो खुद ही दूसरे लीकेज की सफाई देने में लग गए होंगे अन्यथा उन्होंने समझाया होता की ये विकी सिकी क्या है,खतो किताबत चुराने वाले को गाली दे कर क्या मिलेगा.पर दोनों खास सलाहकारों को भी इस लीकेज से फायदा ही हुआ.वो अपनी जात जमात और करीबियों से कह तो सकते ही हैं की देखो दिल से हम साफ़ हैं,कम से कम विकीलीक्स पर भरोसा करो.
हाँ उलटी सीधी हरकत के आरोप में नजरबन्द असान्जे को जरूर खुल कर हँसने का मौका मिला होगा.
अपने जोरदार अंदाज में बहिन जी ने इसका जवाब दिया,और असान्जे को विरोधियों के हाथों में खेलने वाला बतादिया.बस यहीं गड़बड़ी हो गयी.दुनिया जान गयी की बीमारू कहे जाने वाले ग्रुप ऑफ़ स्टेट्स में सिरमौर उत्तरप्रदेश अपनी जगह पर कायम क्यों है. देश की सबसे ज्यादा जनसँख्या और गरीबी ढोने वाला प्रदेश किन लोगों के हवाले है.राजीव गाँधी का सूचना क्रांति का सपना कहाँ गया,जब इस प्रदेश के मुखिया को ही नहीं मालूम की कोसना किसको है.एक आस्ट्रेलियन अखबार ने चुटकी लेते , हुए लिखा की सैंडिल क्वीन को इतनी समझ नहीं की इस संवाद में असान्जे की क्या भूमिका है.सब जान गए की कंप्यूटर क्रांति कहाँ है, सिलिकन वैली में अपना झंडा गाड़ने वाले भी जरूर शर्माए होंगे.असान्जे के बाप ने भी कभी ये सपना भी नहीं देखा होगा की उनका बेटा कभी एंटी दलित और मनुवादी गतिविधियों में शामिल पाया जायेगा,बलात्कार - सलात्कार तो चलते रहते हैं. सलाहकार लोग तो खुद ही दूसरे लीकेज की सफाई देने में लग गए होंगे अन्यथा उन्होंने समझाया होता की ये विकी सिकी क्या है,खतो किताबत चुराने वाले को गाली दे कर क्या मिलेगा.पर दोनों खास सलाहकारों को भी इस लीकेज से फायदा ही हुआ.वो अपनी जात जमात और करीबियों से कह तो सकते ही हैं की देखो दिल से हम साफ़ हैं,कम से कम विकीलीक्स पर भरोसा करो.
हाँ उलटी सीधी हरकत के आरोप में नजरबन्द असान्जे को जरूर खुल कर हँसने का मौका मिला होगा.
कितने शर्म की बात है कि आज के दौर का भारत यह है और उससे भी शर्म की बात यह है कि दलित की बेटी आज इस पद मे पहुंच संवेदन हीन हो गयी है और सफ़ाई पता नही किसको दे रही हैं उनका वोटर तो अनपढ़ है पढ़े लिखे लोगो को सफ़ाई देना समय जाया करना ही है
जवाब देंहटाएंअब क्या कहियेगा इन काली मेमों और
जवाब देंहटाएंदेसी साहबों के बारे में ...सब जानते ही
हैं की ये तो अंग्रेजों के भी दादा परदादा
हैं ...!!!
ये नेतालोग तो जनता को बहलाते ही रहते हैं ....पता नहीं इन लोगों को कब तक झेलना होगा हमें .
जवाब देंहटाएंविकीलीक्स पगलाया है
जवाब देंहटाएं(घनाक्षरी)
ब्यूटी पार्लर जाय के, जन्मदिन मनाय के
अरबों गिफ्ट पाय के, मन हरसाया है |
सर्वजन कहाय के, गाँव-गाँव लडाय के
बहुजन डराय के, राज-काज पाया है |
रसोइयाँ पटाय के, जूती जेट से लाय के,
मूरत लगवाय के, पार्क बनवाया है |
विकीलीक्स बताय के, मिसिर का उकसाय के,
पी एम् बरगलाय के, पूरा पगलाया है ||
रविकर जी बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंबचके रहिएगा.
ये नेतालोग तो जनता को बहलाते ही रहते हैं ....पता नहीं इन लोगों को कब तक झेलना होगा हमें .
जवाब देंहटाएं