बालतोड़ तो बड़ी घातक चीज होती है भाई,पिछले दस दिन के भोगे हुए यथार्थ और गूगल से उपलब्ध ज्ञान ने इस बात की पुष्टि कर दी है.चलना फिरना बंद,आसपास क्या होरहा है उससे बेखबर ऐसे में नेट का सहारा बड़ी राहत देता है. इन्फोटेंमेन्ट के नाम पर दिल और दिमाग दोनों ख़राब करते टीवी चैनलों के साथ समय बिताने से बढ़िया अंतरजाल पर फैली खबरों के सहारे ही समय पास करना अच्छा होता है.पर खबरें भी ऐसी ऐसी की नत्थत्व को प्राप्त दिल भी उछाल मारने लगता है.
पहली खबर दिखी राजस्थान से . बीपीएल परिवारों की प्रसूताओं के लिए के लिए सरकारी स्तर पर कुछ राशि दी जाती है.एक जगह ऐसा गेम हुआ की प्रेगनेंसी वार्ड के इंचार्ज को ही साल में ग्यारह बच्चे हो गए,है न कमाल.इनके अलावा ढेर सारे पुरुषों के नाम जिनको ये राशी मिली.अपनी बीवियों के नाम धन लेने में खतरा रहा होगा क्योंकि वो कभी भी धमाका सकती हैं, ब्लैक मेल कर सकती हैं.खैर जीवित पति को मृतक दिखा कर विधवा पेंशन लेने वालियों की भी कमी नहीं है इस देश में.या ये भी होसकता है की उनको पता भी न हो की कागज पर वो विधवा हो चुकी हैं और उनकी पेंशन उनके पति ही उठा रहे हों.पर ये छोटे छोटे मामले हम जैसे संस्कारी घोटालेबाजों को प्रभावित नहीं करते.
इसी बीच बड़ी खबर आयी तिहाड़ कम्युनिकेसन सर्विसेज़ से, कभी सत्ता के दुलरुए रहे ए. राजा का बयान आया की केवल उनका दोष नहीं है,जिस मामले में वे अन्दर हैं उसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं. तो ये तो कोई नयी बात हुई नहीं,घर में क्या चल रहा है इससे मुखिया वाकिफ न हो ऐसा हो नहीं सकता,इस बात को नत्था भी जानता है.पर सवाल ये है की अगर कोई चिंदी चोर पकड़ा जाता है तो वो जिसका भी नाम लेता है उसे अन्दर कर दिया जात है पर यहाँ क्या होगा.कभी राजा को भी क्लीन चिट देने वाला मंत्री बोलता है की जेल में बंद आदमी की बातों का भरोसा नहीं करना चाहिए. लो भाई अब राजा बेगाना होगया.पता नहीं राजा को अब ये सब क्यों याद रहा है जब की कलमाड़ी को भूलने की बिमारी हो चुकी है.
एक छोटी खबर आयी की खेलों के दौरान दिल्ली में फुटपाथों को बनाने में हर किलोमीटर पर जितना खर्च आया वो उतनी ही लम्बी सड़क और रेल पटरी बिछाने से भी बहुत ज्यादा था.अब कोई क्या करे सबको याद था की ऐसे मौके बार-बार नहीं आते इसलिए खेलो जीभरकर.अब शीला का कोई क्या कर लेगा.दिल्ली को तो उन्होंने हिना का ऐसा रंग चढ़ाया है की ज़माना याद रखेगा. हिना........ हिना....... हिना.हाय रब्बा.
अमेरिका में आईएसआई एजेंट के सेमिनारों में भारतीय विद्वानों की भागीदारी की खबरें आनी शुरू ही हुई थीं की पकिस्तान से एक मानव बम आगया.हिना रब्बानी खार,उनकी नयी वज़ीरे खाजा.कारगिल विजय दिवस मनाने की जगह देश बेगम की अदाओं पर मरने लगा.जिस चैनल पर देखिये उनकी स्टाईल की ही चर्चा. उनका चश्मा, मोतियों की माला ,मोहक मुखड़ा,पोलो का शौक,अमेरिका की डिग्री, हाय अल्ला. वो जब तालिबानियों से भी बात करने जाएगी तो पीछे एक खुशबू छोड़ कर आएगी.और फिर दूसरी पार्टी के वार्ताकार ब्यूटी सैलून जायेंगे.पर ये तो विदेश मंत्री है,वहां विदेश नीति तो फौज तय करती है. ये है की ग्लोबल लेवल पर ब्रांड इंडोर्समेंट के लिए चेहरा बढ़िया चुन लिया गया है.इन सारी खबरों के बीच लोर्ड्स टेस्ट में भारत की हार और टेनिस में सोमदेव की बढ़ी रैंकिंग की भी खबर आई पर सब पर भारी रब्बानी ही रही इसमें कोई शक?
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